नई दिल्ली। सप्रीम कोर्ट में दिल्ली में हई हिंसा को कथित तौर पर भडकाने वाले नफरती भाषणों के लिए नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली एक याचिका पर आज यानि बुधवार को सुनवाई हई। यहां केंद्र ने सप्रीम कोर्ट से कहा कि पलिस को तय करने दिया जाए कि हेट स्पीच के मामले में कब एफआईआर दर्ज करनी है।चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ दंगा पीडतिों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हई थी। दंगा पीडतिों की तरफ से पेश हए वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्जाल्विस ने इस याचिका का उल्लेख तत्काल सुनवाई के लिए किया था। गोन्जाल्विस ने 2 मार्च को हई सुनवाई में कहा था कि हाल में हई हिंसा के चलते लोगों के मरने की खबर आना बदस्तूर जारी रहने के बावजद दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में दंगों से जडे मामलों की सनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी है। बोबडे ने कहा कि हम रोज अखबार पढते हैं जिसमें हमपर आरोप लगते हैं। हमपर बहत दवाब होता है। हम नहीं चाहते कि लोग मरें... हम शांति चाहते हैं। लेकिन कोर्ट कभी भी इस तरह की हिंसा को नहीं रोक सका है। वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच देने के मामले में दो बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाली याचिका पर दिल्ली की अदालत ने 23 अप्रैल तक सनवाई टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दिल्ली दंगा पीडतिों ने याचिका दाखिल की। इस याचिका को दाखिल करने वाले वकील ने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की जिस पर सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया। आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई चार हफ्तों के लिए टाल दी थी।
हेट स्पीच मामले में पुलिस तय करे कि कब हो एफआईआरः केन्द्र
• Editors Desk