बिलग्राम हरदोई सरकारें हमेशा से स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर बेहद संजीदा रही हैं और करोड़ों रुपए आम आदमी के स्वास्थ्य लाभ और शिक्षा में सुधार के लिए बहा रही हैं मगर स्वास्थ्य विभाग की दर्दशा इन दिनों किसी से छपी नहीं है यह इज्जतदार प्रोफेशन मरीज के स्वास्थ्य लाभ के लिए नहीं बल्कि संचालक या डॉक्टर के ब्यक्तिगत लाभ का केंद्र बन गया हैकोई भी टपोरी जिसे डॉक्टरी का एबीसीडी भी नहीं आता आज वह नर्सिंग होम का संचालक बना बैठा हैइसके भी दोषी यह लोग नहीं है आखिर पैसा किसे प्यारा नहीं होता जब कोई धंधा नहीं चला तो लोगों की जिंदगी से खेलने का धंधा खोल लिया। असल मे इसके वास्तविक दोषी स्वास्थ्य विभाग के वही जिम्मेदार हैं जो इन्हें नर्सिंग होम का लाइसेंस बांटते हैं। आपको बता दें की बिलग्राम कस्बे में भी खूब अवैध नर्सिंग होम पनप रहे हैंजिस में मुन्ना भाई एमबीबीएस डॉक्टर बौठे हैं जो लूट का केंद्र नर्सिंग होम को बनाए हुए हैं फिर चाहे इसमें किसी की जान जाए तो जाए। आपको बता दें कि बिलग्राम कस्बे में ऐसे ही निजी चिकित्सालयों की संख्या ज्यादा हैजिनका उद्देश्य आप के मरीज की बेहतरी नहीं बल्कि अपनी स्वयं की जेबें भरना है वह इसके लिए आपके मरीज मुन्ना भाई एमबीबीएपर की सेहत के साथ किसी भी हद तक जा सकते हैंकस्बे में अधिकतर निजी चिकित्सालयों के मानकों का कोई अता पता नहीं है फिर भी इन्हें स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस मिल जाता है और बिना लाइसेंस भी अपनी दुकान खोले बैठे हैं आखिर कैसे ? इन निजी चिकित्सालयों का सबसे बड़ा टारगेट होती हैं गर्भवती महिलाएं जिन्हें दलालों के माध्यम से अपने निजी चिकित्सालयों में बुलाकर बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में गुमराह करके उसे जान का खतरा बताकर मरीज के तीमारदारों को डराया जाता है ताकि वह ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाएं और उनसे मोटी रकम ऐंठी जाए।बड़े बड़े विशेषज्ञों के बोर्ड लगाए ये नर्सिंग होम सिर्फ एक या दो सामान्य नसों के भरोसे अपना निजी चिकित्सालय चलाते हैं और स्वास्थ्य महकमा इन पर हमेशा मेहरबान रहता है। यही वजह है कि आये दिन प्रसूताओं के साथ घटनाएं होना आम बात हो गयी है कुछ दिन पूर्व बिलग्राम सीएचसी अधिक्षक विनीत तिवारी ने अवैध नर्सिंग होमो के खिलाफ अभियान चलाया था जिसमें मानक पूरे न होने के कारण नोटिस भी दिया था लगभग एक से तीन निजी चिकित्सालयों पर कार्यवाही करते हुए जवाब मांगा था मगर बीते दिनों में इनकी संख्या में इकडे भारी इजाफा हुआ है और इसके पीछे सिर्फ इस पेशे में अंधाधुंध कमाई होना ही मुख्य वजह है.
कस्बे से लेकर आसपास गाँव तक लूट का केन्द्र बने प्राइवेट अस्पताल व नर्सिंग होम